शनिवार, 21 मार्च 2015

मेरी बात

सभी पाठकों को नमस्कार,
सभी को नवरात्र, गुड़ी पड़वा एवं नव संवत्सर 2072 की हार्दिक शुभकामनाएँ। 
प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी,

तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकंम्, 

पंचमं स्क्न्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च,

सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम्। 

नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गाः प्रकीर्तिताः।


आज से नवरात्र प्रारम्भ हो गए हैं आज घटस्थापना का दिवस है।

नौ दिन तक देवी की श्रद्धा से पूजा उपासना होगी।उसके बाद 


देवी के जवारे ठण्डे (विसर्जित) कर देने के बाद हम भी ठण्डे हो


जाएँगे। उसी के अन्य सृजन, नारी की स्थिति के बारे में।


क्या कहा??????? पहले से कई बेहतर स्थिति में है आज की 


नारी????????तो इस बारे में क्या ख्याल है?

हम  देवी की उपासना करते हैं, पूजा करते है, कन्या भोज कराते है। 
और 
बड़ी आसानी से कन्या भ्रूण हत्या करने/देखने का दंश भी झेल लेते हैं। 

देवी को श्रद्धा से भोग अर्पण करते हैं। 
और 
किसी का भोग कर उसे निर्भया,दामिनी बना देते हैं। 

आदर से देवी की स्थापना कर उसे घर में स्थान देते हैं। 
और 
उसके ही अन्य सृजन को शराब के  नशे में मार पीटकर घर के बाहर कर देते हैं।   

ये नारी की पुरानी नहीं आज की स्थिति है। आज का यथार्थ। कोई ज्यादा बदलाव नहीं आया है आज भी कुछ समस्याएँ वैसी ही बनी हुईं हैं जैसी सालों पुरानी थी। जबकि हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है - 
"यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:" 
नारी को देवी का स्थान देने के पक्ष में बिलकुल नहीं हूँ मैं। बस उन्हें वो सम्मान मिले,जिसकी वो अधिकारी हैं। आज भी नारियाँ उपेक्षा, अपमान, तिरस्कार की लगातार शिकार होती हैं। कृपया एक बार जरूर सोचें भारतीय संस्कृतियुक्त वो समाज जिसके शास्त्रों में नारी को पूजनीय स्थान दिया गया है,उसे आज उसी समाज में पर्याप्त सम्मान तक प्राप्त नहीं है। आज भी कई जगह उसे भाँति भाँति से तिरस्कृत किया जाता है। शायद आप कहेंगे कि हमारी सोच तो नारियों के प्रति अच्छी है। हम तो उनके साथ इस तरीके का व्यवहार कभी नहीं करते। अगर आप इन गणमान्य लोगों की श्रेणी में आते हैं तो आपको बधाई। सहृदय नमन कि आप आज भी इंसानों की श्रेणी में आते हैं।लेकिन कुछ इंसान रूपी जानवर आज भी इसी समाज का हिस्सा हैं। जिसमें हम रहते हैं। बस आप सभी से एक ही विनती है, नववर्ष एवं देवी घटस्थापना के पावन दिन पर एक ही प्रण लें, यदि आपके आसपास कहीं भी अगर किसी भी स्त्री/बालिका/कन्या /किशोरी  पर अत्याचार होते दिखे, उससे दुर्व्यवहार होते दिखे तो उसकी मदद अवश्य करें और हो सके तो उसे रोकने का भी प्रयास अवश्य करें। उस कृत्य के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएँ।कृपया ये न सोचें कि  मेरे सोचने से क्या  होगा। आपकी सिर्फ किसी एक को भी की गई मदद उस एक का भविष्य या जीवन तक बचा सकते हैं। और फिर स्त्री तो आखिर जननी होती है। एक स्त्री का जीवन बचाकर उससे जुड़े प्रत्येक का जीवन बचाया जा सकता है। 

आज से नारी का, नारी को, नारी के लिए ब्लॉग पर इसी से सम्बंधित एक नया लेबल शुरू करने जा रही हूँ। 'सत्यमेव जयते'।अगर आपने कभी भी किसी नारी की,किसी भी प्रकार से सहायता की हो, कुछ ऐसा किया हो, जिससे उसका जीवन प्रकाशित हुआ हो तो आप अपने उस सराहनीय कार्य के बारे में मुझे मेल करें आपके  कार्य के बारे में अपने ब्लॉग पर 'सत्यमेव जयते' लेबल के अंतर्गत प्रकाशित करना और पाठकों को बताना मेरा सौभाग्य होगा। 
धन्यवाद।
dj

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